भारत के 77th सेना दिवस के अवसर पर राजनाथ सिंह ने दी बधाइयां, कहा “हर भारतीय के लिए गर्व और विश्वाश का प्रतीक”
Indian Army Day 2025: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को 77वें सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों अधिकारियों और परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की सेना दिवस के पावन अवसर पर मैं भारतीय सेना के सभी वीर जवानों, अधिकारियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह दिन हमारे राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता के प्रति उनके अदम्य साहस वीरता और निःस्वार्थ सेवा को सलाम करने का अवसर प्रदान करता है।
सेना की भूमिकाओं पर खुल कर की बात
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है, और राष्ट्रीय निर्माण में इसकी भूमिका आदित्य है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भारतीय सेना केवल सभी प्रकार के पारंपरिक और पारंपरिक खतरों के निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है, उन्होंने देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सेना परिवर्तन और आधुनिक तकनीक को अपने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और स्वदेशी करण को बढ़ावा देने में भी तेजी से आगे बढ़ रही है, उन्होंने कहा हमारी सेना के कौशल अनुशासन और देशभक्ति ने देश को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया है।
जनरल द्विवेदी ने भी दी सेना दिवस की बधाइयां
तो वहीं दूसरी तरफ सेना के प्रमुख सी ओ एस जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी सेना को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दी। अपने संदेश में जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सेना एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो राष्ट्र के निरंतर प्रगति के लिए आवश्यक है, जो कि विकसित भारत के अपने परिकल्प लक्ष्य की ओर है। सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने के लिए हमने एक आधुनिक चुस्त अनुकूलन या और प्रौद्योगिकी सक्षम भविष्य के लिए तैयार सेना के रूप में विकसित होने की दिशा में परिवर्तन के दशक की शुरुआत की है, हमारे क्षमता विकास के प्रयास जो हमारे परिवर्तन के प्रयासों में शामिल है। आत्मनिर्भरता की नींव पर खड़े हैं जिसके लिए हम दृढ़ता से प्रतिपादित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना वर्ष 2025 को प्रभाव की अवशोषण के वर्ष के रूप में मनाएगी जिसमें युद्ध प्रणालियों में नई तकनीक का समावेश अपनाना और एकीकरण प्रमुख क्षेत्र होंगे।